Tuesday, June 13, 2023

Sindoor Lal Chadhayo Aarti

स‍िंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को,
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को ।
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को,
महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को ।।
।। जय देव जय देव ।।

 

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता ।।
। जय देव जय देव ।।


भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे ।।
।। जय देव जय देव ।।

 

जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता ।।
।। जय देव जय देव ।।

 

घालीन लोटांगण वंदिन चरन,
डोळ्यांनी पाहीं रुप तुझे ।
प्रेम आलिंगिन आनंदे पूजीं,
भावे ओवालीन म्हणे नामा ।।

 

त्वमेव माता पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वम मम देव देव ।।

 

कयें वच मनसेन्द्रियैवा,
बुद्धयात्मना व प्रकृतिस्वभावा ।
करोमि यद्यत सकलं परस्मै,
नारायणायेति समर्पयामि ।।

 

अच्युत केशवम रामनरायणं,
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरी ।
श्रीधरम माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्रम भजे ।।

 

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।।